कांट्रेक्ट फार्मिंग और एक देश-एक बाजार नीति से आएगी किसानों के जीवन में खुशहाली: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी
भाजपा प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने गिनाए कृषि व किसानों से जुड़े केंद्र सरकार के प्रभावकारी कदम
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को को राजस्थान भाजपा प्रदेश मुख्यालय की ओर से आयोजित “कृषि व किसान कल्याण के लिए केंद्र सरकार के प्रभावकारी कदम” विषय पर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया। इस डिजिटल संवाद में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने खेती-किसानी से जुड़े सवालों के जवाब दिए।
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश के करोड़ों किसानों को मोदी सरकार ने एक बड़ी राहत दी है। देशभर के किसान अब देश में कही भी अपनी फसल को बेच सकेंगे। मोदी सरकार ने एक देश एक बाजार नीति को मंजूरी दे दी है। एक देश एक बाजार शुरू होने के बाद अब किसान को अपनी फसल के लिए जहां भी ज्यादा दाम मिलेंगे वह वहां फसल बेचने लिए पूरी तरह से फ्री होगा। इस नीति को लागू करने के लिए सरकार एसेंशियल कमोडिटी एक्ट 1955 में भी बदलाव कर रही है।
किसान जहां चाहें वहां बेच सकेंगे फसल: केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने पीएम मोदी की सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा किसानों के लिए यह एक बड़ा राहत भरा कदम है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में अधिकतक छोटे किसान है और उन्हें अक्सर अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि किसानों की हालत में सुधार लाने के लिए केंद्र आवश्यक बदलाव कर रही है। कृषि राज्यमंत्री ने बताया कि कृषि मंडी के बाहर किसान की उपज की खरीद-बिक्री पर किसी भी सरकार का कोई टैक्स नहीं होगा. और न ही कोई कानूनी बंधन होगा. ओपन मार्केट होने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. जिन व्यक्ति पास पैन कार्ड होगा, वह किसान के उत्पाद खरीद सकता है।
किसानों की 50 साल पुरानी मांग पूरी हुई: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके। कैलाश चौधरी ने बताया कि आवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू आदि को इससे बाहर कर दिया गया है। अब किसान मर्जी के मुताबिक निर्यात और भंडारण कर सकेंगे।
कांट्रेक्ट फार्मिंग से खेती बनेगी फायदेमंद: कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को उपज की बेहतर कीमतें दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने कांट्रैक्ट फार्मिंग पर मॉडल कानून को हरी झंडी दिखा दी है। इसमें केवल खेती ही नहीं बल्कि डेयरी, पोल्ट्री और पशु पालन को भी कवर किया गया है। नए कानून के तहत ठेके पर खेती व अन्य सेवाओं को राज्यों के एपीएमसी यानी मंडी कानून के दायरे से बाहर रखने पर सहमति बनी है। इससे खरीददारों को लेनदेन की लागत में 5 से 10 फीसदी की बचत होगी। इसमें समझौता तोड़ने पर जुर्माना लगाने व अन्य विवादों के समाधान के लिए एक सेटलमेंट अथॉरिटी के गठन का भी प्रावधान है।
जयपुर/दिल्ली